नई दिल्ली : एक तरफ कांग्रेस लगातार बीजेपी व संघ पर हल्ला बोल रही है,लेकिन उसी कांग्रेस से आरएसए के सरसंघ चालक को मंदिर देखने का न्यौता दिया गया । सरसंघ चालक मोहन भागवत को यह न्यौता किसी और ने नहीं,बल्कि छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने दिया। रोचक है कि रायपुर में संघ की तीन दिन की समन्वय बैठक का आयोजन हुआ, जो सोमवार को ही संपन्न हुई। इसमें संघ के तमाम बड़े पदाधिकारी रायपुर में मौजूद थे। सीएम भूपेश बघेल ने भागवत को चंद्रखुरी स्थित कौशल्या माता मंदिर देखने के लिए आमंत्रित किया था। जिसके बाद मंगलवार को भागवत संघ के कुछ अन्य पदाधिकारियों के साथ कौशल्या माता मंदिर दर्शन के लिए पहुंचे। उनके साथ दत्तात्रेय होसबोले भी थे।
इस कार्यक्रम के बारे में बताया गया कि मोहन भागवत ने मंदिर दर्शन के साथ-साथ प्रांगण का भी अवलोकन किया। इस बारे में सीएम बघेल का कहना था कि मैंने मोहन भागवत जी को माता कौशल्या मंदिर दर्शन के लिए आमंत्रित किया था। मुझे विश्वास है कि वहां पहुंचकर उन्हें शांति की अनुभूति हुई होगी। मंदिर का नया स्वरूप, मां कौशल्या की ममता, भांचा राम की शक्ति का उन्हें अहसास हुआ होगा। गौरतलब है कि रायपुर से लगभग 24 किमी दूर चंद्रखुरी माता कौशल्या का जन्मस्थली है। इस नाते यह श्रीराम का ननिहाल हुआ। यहां तालाब के बीच स्थित कौशल्या मंदिर दुनिया का इकलौता मंदिर है। यह स्थान राम के वनगमन मार्ग का एक अहम हिस्सा है, जिसे लेकर सीएम बघेल काफी उत्साहित रहे हैं। इस मंदिर का जीर्णोद्धार उनके ड्रीम प्रोजेक्ट का हिस्सा रहा है। पिछले साल मंदिर के जीर्णाोद्धार के समय यहां राम की 51 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण भी हुआ था।
गौरतलब है कि बघेल सत्ता में आने के बाद से ही लगातार सॉफ्ट हिंदुत्व की लाइन लेते रहे हैं। गोवंश से जुड़ी अपनी योजनाओं और भारतीय संस्कृति पर आधारित कांग्रेस सरकार की ओर से शुरू किए गए स्वामी आत्मानंद स्कूल योजना के जरिए वह लगातार बीजेपी की हिंदुत्व की टेक को काउंटर करने में लगे हैं। उल्लेखनीय है कि बघेल सरकार ने वहां पहले गोबर व गोमूत्र खरीद योजना की शुरुआत की, वहीं दूसरी पिछले दिनों वहां बघेल ने मुख्यमंत्री गोवंश मोबाइल चिकित्सा योजना की शुरुआत की। दरअसल, बघेल चाह रहे थे कि उनकी सरकार की गो-सेवा व स्कूली योजनाओं के बारे में जानकारी भागवत तक भी पहुंचे। इसके लिए भी उन्होंने भावत को आमंत्रित किया।
सीएम बघेल का कहना था कि हम उन्हें गौठान भी देखने के लिए आमंत्रित करते हैं, जिससे गौ-माता की सेवा, उन्हें उत्पादकता से जोड़ने के बारे में जान सकें। वहीं अगर वह संस्कृत अनिवार्य विषय के साथ स्वामी आत्मानंद स्कूल योजना के अंतर्गत तैयार शानदार स्कूल भी देखेंगे तो उन्हें शिक्षा, संस्कार, आधुनिकता एक मेल भी यहां नजर आएगा।