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साल 2020 में तेज रफ्तार के चलते सबसे अधिक मौतें हुई हैं, यह आंकड़ा सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट से पता चला है, रिपोर्ट के कारण सड़कों पर होने वाली मौतों में 69.3 प्रतिशत तेज रफ्तार के कारण होती हैं


नई दिल्ली: भारत में सड़क दुर्घटनाएं- 2020 शीर्षक वाली सरकारी रिपोर्ट मंगलवार को जारी की गई। सड़क परिवहन मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार, साल 2020 में तेज रफ्तार के चलते सबसे अधिक मौतें हुई हैं। रिपोर्ट के कारण सड़कों पर होने वाली मौतों में 69.3 प्रतिशत तेज रफ्तार के कारण होती हैं।

‘भारत में सड़क दुर्घटनाएं – 2020′ शीर्षक वाली इस रिपोर्ट के अनुसार, 2020 में 11 प्रतिशत से अधिक मौतें और चोटें सीट बेल्ट नहीं लगाने के कारण हुईं, जबकि 30.1 प्रतिशत मौतें और 26 प्रतिशत चोटों की वजह हेलमेट नहीं पहनना था। रिपोर्ट में कहा गया है कि 2020 के दौरान सीट बेल्ट नहीं पहनने के कारण 15,146 लोगों की मौत हो गई जबकि 39,102 लोग घायल हो गए।

इसमें कहा गया है कि कैलेंडर वर्ष 2020 में भारत में तेज रफ्तार से वाहन चलाने के कारण कुल 2,65,343 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 91,239 लोगों की मौत हो गई। 20,228 सड़क दुर्घटनाएं गलत दिशा में गाड़ी चलाने के कारण हुईं और इन हादसों में 7,332 लोगों की जान चली गई। इस रिपोर्ट के अनुसार शराब पीकर गाड़ी चलाने की वजह से 8,355 सड़क दुर्घटनाएं हुईं और 3,322 लोगों की मौत हो गई। वहीं गाड़ी चलाते समय मोबाइल फोन के उपयोग के कारण 6,753 सड़क दुर्घटनाएं हुईं जिनमें 2,917 लोगों की मौत हो गई।

रिपोर्ट में दावा किया गया है कि मोटर वाहन संशोधन कानून (एमवीए) 2019 के कार्यान्वयन होने से सड़क दुर्घटनाओं को कम करने में मदद मिली। यह कानून एक सितंबर, 2019 को लागू हुआ था। इस कानून में अन्य बातों के साथ ही यातायात नियमों के उल्लंघन के लिए दंड में भारी वृद्धि, इलेक्ट्रॉनिक निगरानी, नाबालिगों द्वारा गाड़ी चलाने पर दंड में वृद्धि जैसे प्रावधान शामिल किए गए हैं।



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By admin