इस तरह के अपराधी असल पीड़ित के बजाय खुद को ‘पीड़ित’ के तौर पर देखते हैं। पूरी प्लानिंग के साथ इस तरह की बर्बरता को अंजाम देने के दोषी अपराधियों के इंटरव्यू में यह बात साफ तौर पर सामने आती है। पार्टनर को ‘दर्द देने’ को वे खुद के साथ ‘अन्याय को खत्म करने’ के रूप में देखते हैं।
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