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राज्यसभा चेयरमैन पर छींटाकशी विशेषाधिकार का हनन, सांसदों को चेतावनी- ऐसी सजा मिलेगी नजीर बन जाएगी – casting doubt on rajya sabha chairman breach of privilege parliament panel complaint against tmc mp dola sen


दीपक दास, नई दिल्ली: राज्यसभा के पीठासीन अधिकारियों की नीयत पर सवाल उठाना विशेषाधिकार का हनन है। विशेषाधिकार समिति ने सदस्यों के ऐसा करने की ‘बढ़ती घटनाओं’ पर यह कहा है। समिति ने कहा कि अब किसी सदस्य ने ऐसा किया तो उसे ‘सदन की अवमानना और विशेषाधिकार हनन’ माना जाएगा। चेतावनी देते हुए समिति ने कहा कि अब ऐसी हरकत का वो नतीजा होगा जो नजीर बनेगा। विशेषाधिकार समिति की यह टिप्पणी तृणमूल कांग्रेस की सांसद डोला सेन के खिलाफ शिकायत पर विचार करते समय आई। सेन ने पिछले साल कथित रूप से राज्यसभा के डिप्‍टी चेयरमैन हरिवंश को लेकर टीका-टिप्पणी की थी। समिति के सामने अपने जवाब में TMC सांसद ने माना क‍ि उन्होंने उपसभापति के बारे में ‘कुछ अनाप-शनाप बातें’ कहीं थीं। सेन ने बिना शर्त माफी मांग ली थी। समिति ने माफी के बाद पाया कि आगे की जांच का कोई तुक नहीं बनता। मामले के पटाक्षेप की सिफारिश हुई है।

TMC MP Dola Sen

TMC सांसद डोला सेन के खिलाफ शिकायत पर विशेषाधिकार समिति ने दी चेतावनी

‘सावधान रहें राज्‍यसभा सदस्‍य, अब कड़ी कार्रवाई होगी’

विशेषाधिकार समिति की यह रिपोर्ट पिछले हफ्ते सदन में रखी गई। इसमें कहा गया, ‘हालांकि, समिति का यह भी मानना है कि पीठासीन अधिकारियों पर आरोप लगाने और प्रक्रिया के नियमों और अध्यक्ष के निर्देशों की घोर अवहेलना करने की घटनाएं बढ़ रही हैं… समिति का मानना है कि सदस्यों को अपने आचरण में अधिक सावधान और सतर्क रहना चाहिए। विशेष रूप से कोई भी बयान देते समय, जो पीठासीन अधिकारियों के सम्मान और प्रतिष्ठा को प्रभावित कर सकता है। समिति का मानना है कि अब से पीठासीन अधिकारियों पर आरोप लगाने या ऐसी कार्रवाई में शामिल होने की कोई भी कार्रवाई जिसके परिणामस्वरूप अध्यक्ष के गए निर्देशों की अवहेलना होगी, विशेषाधिकार का उल्लंघन और सदन की अवमानना हो सकती है और इसके परिणाम दृष्‍टांत बन सकते हैं।’

पिछले साल, बीजेपी के तीन सदस्यों ने सेन के खिलाफ विशेषाधिकार का नोटिस दिया था। सेन ने शून्यकाल के दौरान किसी मुद्दे पर बोलने के लिए रूपा गांगुली को अनुमति देने पर सभापति को लेकर टिप्पणी की थी।



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By admin