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नीतीश कुमार कंबल ओढ़कर घी पीना चाहते हैं विपक्ष हाथ में कटोरा पकड़ा देगा बीजेपी का तगड़ा वार


पटना: बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने दिल्ली दौरे (Nitish Kumar in Delhi) पर पहुंचते ही कहा कि वो पीएम पद के दावेदार नहीं हैं। वो बस बीजेपी के सामने विपक्ष को एकजुट करने की कवायद में लगे हैं। हालांकि, नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू की ओर से भले ही उन्हें पीएम पद का कैंडिडेट नहीं बताया जा रहा हो लेकिन सियासी जानकार इस बात से इत्तेफाक नहीं रखते। इस बात का जिक्र वरिष्ठ पत्रकार कन्हैया लाल भेलारी ने किया। उन्होंने कहा कि अभी 2024 लोकसभा चुनाव में काफी समय है, मुझे लगता है कि नीतीश कुमार पीएम फेस होंगे। हालांकि, दिग्गज जेडीयू नेता जिस तरह दिल्ली दौरे पर पहुंचे हैं और विपक्ष को एकजुट करने की बात कही है, उस पर बीजेपी ने पलटवार किया है। बीजेपी ने कहा कि नीतीश कुमार कंबल ओढ़कर घी पीना चाहते हैं, लेकिन विपक्ष हाथ में कटोरा पकड़ा देगा।

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टीवी चैनल एबीपी न्यूज पर डिबेट में बीजेपी प्रवक्ता केके शर्मा ने नीतीश कुमार और जेडीयू पर जमकर हमले (BJP Targets Nitish Kumar JDU) बोला। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार कंबल ओढ़कर घी पीना चाहते हैं, उन्हें अंदाजा भी है जिस दिल्ली में वो पहुंचे हैं वहां विपक्ष कंबल भी खींच लेगा और हाथ का कटोरा भी निकल जाएगा। नीतीश कुमार को इसका पता भी नहीं चलेगा। लालू यादव से नीतीश की मुलाकात पर भी बीजेपी नेता ने सवाल उठाए।

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लालू यादव से मुलाकात पर भी उठाए सवाल
बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली आने से पहले नीतीश कुमार भ्रष्टाचार में सजायाफ्ता लालू यादव से मिलने पहुंचे। राबड़ी देवी से मिलकर आ रहे हैं। वो ये जता रहे कि भ्रष्टाचार का साथ उन्हें पसंद है। बीजेपी नेता ने कहा कि आपने जो मंत्री बनाया है उनमें 33 फीसदी दागी मंत्री हैं। इससे पहले जब ममता बनर्जी भी आई थी तो काफी शोर हुआ था। इसके बाद तेजस्वी यादव, शरद पवार भी यहां आते रहते हैं। वहीं जब सवाल किया गया कि प्रधानमंत्री क्यों कहते हैं कि भ्रष्टाचार की वजह से विपक्ष एकजुट हो रहा? इस सवाल पर केके शर्मा ने कहा कि देखिए ना भ्रष्टाचार के प्रतीक जो थे लालू यादव उन्ही से मिलने के बाद नीतीश कुमार विपक्ष को एकजुट करने के लिए दिल्ली दौरे पर निकले हैं।

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गठबंधन टूटने को लेकर जेडीयू ने बीजेपी पर किया पलटवार
टीवी डिबेट पर जब जेडीयू नेता राजीव रंजन से इस बारे में सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने कभी नहीं कहा कि वो पीएम पद के उम्मीदवार हैं। उनके दिल्ली आने की कवायद को लेकर जेडीयू नेता ने कहा कि वो बस विपक्ष को एकजुट करने में लगे हैं। वो देश के तमाम विपक्षी नेताओं से समन्वय स्थापित करने के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। अगर हमारी पार्टी का इतिहास देखेंगे तो हम अटल बिहारी वाजेपेयी की सरकार के समय जब एनडीए में थे तो भी अपनी बात रखते थे। उन्हें अपनी राय से अवगत कराते थे। हमारी बात को सम्मान के साथ सुना जाता था लेकिन नरेंद्र मोदी की सरकार आने के बाद एनडीए गठबंधन में हालात बदल गए। एक दंभ सा दिखने लगा, जिसकी वजह से टूट हुई। कई सहयोगी इससे अलग हुए।

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राजीव रंजन बोले- भय का माहौल बनाया जा रहा
राजीव रंजन ने ये भी कहा कि मौजूदा समय में एक भय का माहौल बनाया जा रहा। क्षेत्रीय पार्टियों को खत्म करने की बात बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने किया। ऐसे में जेडीयू ने नेतृत्व इस बयान पर विचार किया और हमने एनडीए से अलग होने का फैसला लिया। वहीं उन्होंने ये भी कहा कि नीतीश कुमार को विपक्ष को एकजुट करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इसी के लिए नीतीश कुमार दिल्ली पहुंचे हैं। इस दौरान वो राहुल गांधी समेत विपक्षी नेताओं से मिलेंगे।

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जिसके ज्यादा सांसद होंगे वो PM होगा, कांग्रेस ने बताया फार्मूला
वहीं इस डिबेट में शामिल कांग्रेस नेता आलोक शर्मा ने केंद्र की बीजेपी सरकार पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि देश की गरीब जनता को बीजेपी ने कटोरा पकड़ा दिया। साढ़े तीन सौ सीटों के साथ सरकार आई थी लेकिन अब शिवसेना, जेडीयू समेत कई सहयोगी दल गठबंधन से अलग हो गए। ये सबकुछ बीजेपी नेतृत्व के अड़ियल रुख की वजह से हुआ। वहीं जब उनसे पीएम कैंडिडेट कौन होगा को लेकर सवाल किया उन्होंने सीधा फॉर्मूला बताया। कांग्रेस नेता ने कहा कि जिसके ज्यादा सांसद होंगे वो पीएम होगा। वो नीतीश कुमार भी हो सकते हैं। हिंदू-मुसलमान के अलावा कोई और मुद्दा है नहीं इनके पास।

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‘2013 के पहले नरेंद्र मोदी ने भी कभी नहीं कहा था वो पीएम फेस हैं’
इसी टीवी डिबेट के दौरान वरिष्ठ पत्रकार कन्हैया लाल भेलारी ने नीतीश कुमार के फ्यूचर प्लान की ओर इशारा किया। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने कब कहा कि वो पीएम के फेस हैं। ये केवल हम अनुमान लगा रहे कि प्रधानमंत्री के दावेदार हैं। 2013 के पहले गुजरात के सीएम रहते हुए नरेंद्र मोदी ने भी कभी नहीं कहा था कि वो पीएम के फेस हैं। बीजेपी की ओर से भी ऐसा नहीं कहा गया था। हालांकि, बाद में सबने देखा कि क्या हुआ। उस समय भी इसकी तैयारी तो 2012 से ही शुरू हो गई रहे थे।

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‘1977-1989 में भी कोई फेस नहीं था…’
कन्हैया लाल भेल्लारी ने कहा कि अभी समय है। मुझे लगता है कि नीतीश कुमार फेस होंगे। उन्होंने 1977 का जिक्र करते हुए कहा कि उस समय कौन फेस था, 1989 में भी कोई फेस नहीं था फिर वीपी सिंह उभर गए। 1977 और 1989 में भी कई फेस थे लेकिन पीएम चुने गए। इसी तरह से इस बार भी विपक्ष की ओर से कई दावेदार हैं लेकिन चुनाव आने पर विपक्षी पार्टियां इस पर फैसला ले लेंगी। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के खिलाफ के भ्रष्टाचार का कोई केस नहीं है। जो घोड़ा है वो पाक साफ है। नरेंद्र मोदी की तरह नीतीश कुमार पर भी कोई भ्रष्टाचार का आरोप नहीं है। भ्रष्टाचार कोई मुद्दा नहीं है, पूरे देश में भी हैं और बिहार में भी हैं। कार्तिक कुमार हटाए गए तो उन पर क्रिमिनल केस था।

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