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नए कांग्रेस अध्यक्ष पद का नाम लगभग घोषित हो चुका था सिर्फ औपचारिकता बांकी थी लेकिन तभी जयपुर कांड हो गया. अब अशोक गहलोत की जगह गांधी परिवार की निगाहें पवन बंसल पर जाती दिख रही हैं.


नई दिल्ली: अशोक गहलोत का मिजाज भांपने में गांधी परिवार की एक चूक ने उसकी ही नहीं, पूरी कांग्रेस पार्टी की कैसी फजीहत करवाई, इसका तो कोई हिसाब नहीं है। गांधी परिवार को अपने बेहद करीबी से उस वक्त ऐसा झटका लगा है जब उसकी अलग ताजपोशी करने की तैयारी थी। गहलोत को राजस्थान से हटाकर केंद्र में लाने की गांधी परिवार की जिद्द ने उसे ऐसा दिन दिखा दिया जिसकी रविवार शाम तक किसी ने कल्पना तक नहीं की होगी। अब उसके सामने बड़ा सवाल है कि आखिर कांग्रेस की कमान सौंपे तो किसके हाथ? कहावत है कि बिल्ली के भाग्य से छींका टूटा। गांधी परिवार को गहलोत के गच्चे से किसी और की किस्मत खुलती नजर आ रही है।

नॉमिनेशन फॉर्म लेकर बंसल बोले, चुनाव नहीं लड़ूंगा
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए नामांकन दर्ज करवाने का आज चौथा दिन है। अब तक एक भी नामांकन दर्ज नहीं किया गया है। हालांकि, शशि थरूर के सिवा जिस एक और नेता ने नॉमिनेशन फॉर्म लिए हैं, उनका स्टेटस बताता है कि गांधी परिवार गहलोत से धोखा मिलने के बाद उन्हीं पर दांव खेलने जा रहा है। वह नाम है- पवन बंसल। बंसल गांधी परिवार के बेहद करीबी माने जाते हैं। वो कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष हैं। हालांकि, बंसल का कहना है कि वो कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। तो फिर दो फॉर्म क्यों लिए? इस सवाल पर कहते हैं कि साझा उम्मीदवार उतारने की स्थिति के लिए।

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बिना गांधी परिवार की सहमति के बंसल ने लिया पर्चा?
उधर, शशि थरूर ऐलान कर चुके हैं कि वो कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने यह भी बता दिया है कि 30 सितंबर को नामांकन के आखिरी दिन वो अपना पर्चा दिन में 11 बजे जमा कराएंगे। उन्होंने पांच फॉर्म लिए हैं। यानी वो पांच अलग-अलग सेट में अपना नामांकन दर्ज कराने जा रहे हैं। जैसा कि बताया जा चुका है कि पवन बंसल ने दो फॉर्म लिए हैं। गांधी परिवार से उनकी करीबी के चलते यह माना जा रहा है कि बिना सोनिया गांधी के इशारे के वो नामांकन का पर्चा नहीं ले जाते। अगर उन्होंने पर्चे लिए हैं तो गांधी परिवार कहीं ना कहीं उनके नाम पर विचार कर रहा है या कर चुका है। अगर ऐसा है तो इसका मतलब है कि गांधी परिवार ने राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर फेंके अपने पासे को वापस ले लिया है।

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नामांकन में अभी और तीन दिन

कुल मिलाकर, नामांकन का चौथा दिन है और अब तक दो लोगों ने पर्चा लिया है। तीन दिन और बाकी हैं। अगर सबकुछ ठीक रहता तो कहा जा रहा था कि अशोक गहलोत 28 सितंबर को नामांकन दाखिल करने वाले थे। लेकिन जयपुर में हुए नाटकीय घटनाक्रम के बाद माना जा रहा है कि अब गहलोत कांग्रेस अध्यक्ष पद का चुनाव नहीं लड़ेंगे। कांग्रेस के संगठन चुनाव प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री का कहना है कि अब तक इस बारे में उनके पास कोई अपडेट नहीं है और ना ही किसी ने उनसे संपर्क किया है।

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मिस्त्री बोले- जो भी मांगे, फॉर्म देंगे
उन्होंने ही बताया कि थरूर के अलावा पवन बंसल ने भी फॉर्म लिए हैं। मिस्त्री ने मीडिया से कहा, ‘हमने उनको फॉर्म दे दिए और वोटर लिस्ट भी उन्हें दिए। किस राज्य में डेलीगेट्स की संख्या कितनी है, ये सब है उसमें। आईडी कार्ड भी दिया उनको। उन्होंने चुनाव प्रक्रिया की पूरी जानकारी दी। हम यहां बैठे हैं जो कोई फॉर्म लेने आएगा, उन्हें हम देंगे।’



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By admin