आपातकालीन खरीद प्रक्रिया के तहत फास्ट ट्रैक प्रक्रिया के माध्यम से सेना की 1,000 निगरानी कॉप्टर की खरीद का उद्देश्य चीन के साथ सीमा पर निगरानी को बढ़ावा देना भी है।
अधिकारियों ने कहा कि उत्तरी सीमाओं की वर्तमान गतिशील अस्थिर स्थिति निर्बाध निगरानी की जरूरत को रेखांकित करती है। प्रणाली की विवरणिका के अनुसार, ‘‘भारतीय सेना की निगरानी आवश्यकताओं के लिए तत्काल परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए निगरानी कॉप्टर की त्वरित खरीद एक परिचालन अनिवार्यता है, जहां अनुचित/अप्रत्याशित देरी भारतीय सेना की क्षमता और तैयारियों पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है।’’
विवरणिका में कहा गया कि निगरानी कॉप्टर भारतीय सेना को हवाई निगरानी क्षमता और निरंतर सटीक जगह की निगरानी प्रदान करेगा। निगरानी कॉप्टर दिन और रात, वास्तविक समय टोही और निगरानी करने के लिए एक आदर्श मल्टी सेंसर प्रणाली है। कार्यक्रम के लिए निविदा जमा करने की अंतिम तारीख 17 नवंबर है। पूर्वी लद्दाख में सीमा पर गतिरोध के मद्देनजर सेना अपनी समग्र युद्धक क्षमताओं को बढ़ा रही है।