राहुल गांधी ने किये ये ऐलान
अपने संबोधन में राहुल गांधी ने कहा कि अगर राज्य में उनकी सरकार बनती है तो राज्य के किसानों का 3 लाख रुपए तक का कर्ज माफ होगा। इसके अलावा उनकी सरकार किसानों की 300 यूनिट तक की बिजली माफ करेगी। गुजरात में तीन हजार इंग्लिश मीडियम स्कूल खोलेंगे और लड़कियों का मुफ्त में शिक्षा मुहैया कराएंगे। इसके अलावा उनकी सरकार 1,000 रुपए का एलपीजी सिलिंडर 500 रुपए में देंगे। कांग्रेस पार्टी ने युवाओं को ध्यान में रखकर भी ऐलान किए। राहुल गांधी ने कहा कि हम 10 लाख युवाओं को हम रोजगार देंगे। इसके साथ ही राहुल ने सरकार बनने की सूरत में दस लाख रुपये तक मुफ्त इलाज की सुविधा और कोरोना पीड़ित परिवारों को चार लाख रुपये के मुआवजे का ऐलान किया।
गुजरात में बीजेपी का मिशन -150
बीजेपी ने इस बार विधानसभा की कुल 182 सीटों में से 150 सीटों पर जीत हासिल करने का लक्ष्य रखा है। हालांकि 1995 से लगातार राज्य में चुनाव जीतती आ रही भाजपा ने अब तक कभी भी 127 से ज्यादा सीटों पर जीत हासिल नहीं की है। 1995 , 1998, 2002, 2007 और 2012 के लगातार 5 विधान सभा चुनावों में भाजपा राज्य की कुल 182 विधान सभा सीटों में से 115 से लेकर 127 के बीच सीटें जीतकर सरकार बनाती रही है लेकिन 2014 में मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद हुए 2017 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी 100 से भी नीचे पहुंच गई। 2017 में भाजपा को महज 99 सीटों पर ही जीत हासिल हो पाई। इसलिए भाजपा इस बार कोई जोखिम लेने को तैयार नहीं है।
किसके लिए खतरा बनेगी आम आदमी पार्टी?
उम्मीद जताई जा रही है कि आम आदमी पार्टी इस बार बड़ा प्रदर्शन कर पाएगी और चुनाव से छह महीने पहले ही चुनावी माहौल में उसकी मौजूदगी दिखाई दे रही है। उसका सोशल मीडिया अभियान जनता के बीच पार्टी की छवि बनाने में बहुत कारगर है और इस बार वह कम से कम दोहरे अंकों में सीटों पर कब्जा जरूर करना चाहेगी। राजनीतिक विश्लेषक हरि देसाई का कहना है कि यह कांग्रेस या बीजेपी के लिए खतरा नहीं है।
देसाई का मानना है कि शुरुआती धारणा यह रही है कि आप कांग्रेस की संभावनाओं को तोड़ देगी, लेकिन जिस तरह से आप ने युवाओं को मुफ्त बिजली और वजीफा देने का वादा किया है, वह महज शहरी मतदाताओं को प्रभावित कर सकती है। अगर ऐसा होता है तो इससे बीजेपी को नुकसान होगा। गुजरात में, दो राष्ट्रीय दलों, बीजेपी और कांग्रेस में से कोई भी, किसी अन्य राष्ट्रीय या क्षेत्रीय दल के साथ गठबंधन करने के मूड में नहीं है। बीटीपी पहले ही आप के साथ गठबंधन करने का संकेत दे चुकी है।