अगले लोकसभा चुनाव के बाद भारत को एक कमजोर प्रधानमंत्री और कई दलों के सहयोग से बनी ‘खिचड़ी’ सरकार की जरूरत है, ताकि समाज के कमजोर वर्ग को लाभ हो सके।
असदुद्दीन ओवैसी, प्रमुख AIMIM
‘देश को एक ‘खिचड़ी’ सरकार की जरूरत’
एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि देश को एक ‘खिचड़ी’ सरकार की जरूरत है । खिचड़ी सरकार से आशय विभिन्न दलों के सहयोग से बनी गठबंधन सरकार से है। ओवैसी ने कहा कि जब कोई कमजोर प्रधानमंत्री बनता है, तो कमजोर को फायदा होता है, लेकिन जब एक मजबूत व्यक्ति प्रधानमंत्री बनता है, तो शक्तिशाली लाभ होता है। यह 2024 (लोकसभा चुनाव) का प्रयास होना चाहिए। देखते हैं क्या होता है। मुफ्त में सौगात बांटने को लेकर जारी राजनीति बहस पर उन्होंने कहा कि जिसे आप सौगात कहते हैं, वह सभी की ओर से दी जा रही है। प्रधानमंत्री कारपोरेट कर और उद्योगपतियों के ऋण माफ करते हैं। ‘आप’ भी भाजपा से अलग नहीं है। दोनों एक ही बात कहते रहते हैं। ‘आप’ ने बिल्कीस बानो मामले में एक शब्द भी नहीं कहा।
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नीतीश कुमार को क्या बोले ओवैसी
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को वर्ष 2024 में विपक्ष के प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में कुछ लोगों की ओर से पेश किए जाने के बारे में पूछे जाने पर ओवैसी ने कहा कि अगर विपक्ष ने चेहरे पेश करके मोदी के साथ प्रतिस्पर्धा करने की कोशिश की, तो बीजेपी को फायदा होगा। उन्होंने कहा कि इसके बजाय, हम सभी को सभी लोकसभा सीट पर भाजपा के साथ प्रतिस्पर्धा करने की जरूरत है। नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि वर्ष 2002 के गुजरात दंगे के समय बिहार के मुख्यमंत्री बीजेपी के सहयोगी थे, उन्होंने भगवा पार्टी के साथ सरकारें बनाईं और अब उन्होंने किसी और से हाथ मिला लिया है।