इंडियन आर्मी ने अपनी पहली लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर की स्क्वॉड्रन को मीसामारी शिफ्ट किया है। यह एलएसी के पास है। इस स्क्वॉड्रन को इसी साल जून में बैंगलोर में बनाया गया था। सूत्रों के मुताबिक दो लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर इसी महीने की पहली तारीख को मीसामारी शिफ्ट किए गए। तीसरा हेलिकॉप्टर इस महीने के आखिर तक वहां चला जाएगा। चौथा लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर अगले महीने मिलेगा और पांचवां लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर अगले साल जनवरी में मिल जाएगा। इसके बाद स्क्वॉड्रन पूरी तरह से ऑपरेशनल हो जाएगी।
लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर पहले स्वदेशी अटैक हेलिकॉप्टर हैं और यह आर्मी के लिए पहले डेडिकेटेड अटैक हेलिकॉप्टर हैं। सेना के लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर में 20 एमएम की गन होगी, 70 एमएम का रॉकेट होगा, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल हेलिना होगी। इसमें एयर टू एयर मिसाइल भी होगी लेकिन जो मिसाइल एयरफोर्स को मिले लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर में होगी, यह उससे अलग होगी। एयरफोर्स को मिले लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर में फ्रांस की मिस्त्राल-2 मिसाइल लगनी हैं। एयरफोर्स ने भी पिछले महीने ही लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर की अपनी पहली स्क्वॉड्रन जोधपुर में बनाई है।
भारतीय सेना को अभी 5 प्रचंड ही मिल रहे हैं लेकिन सेना 95 और लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर लेने की कोशिश कर रही है। इसी तरह एयरफोर्स के लिए अभी 10 हेलिकॉप्टर का कॉन्ट्रैक्ट हुआ है लेकिन एयरफोर्स को 65 और हेलिकॉप्टर चाहिए। सूत्रों के मुताबिक ये सब करीब 10-15 साल के भीतर मिल पाएंगे। स्वदेशी लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर एचएएल ने डिजाइन और डिवेलप किया है। इसका वजन 5.8 टन है। हल्के वजन का फायदा यह है कि ये हाई एल्टीट्यूट एरिया में भी अपनी फुल कैपिसिटी में मिसाइल और दूसरे हथियारों के साथ आराम से ऑपरेट कर सकता है। करगिल युद्ध के वक्त से लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर की जरूरत महसूस की गई थी।