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नई दिल्ली: इंडियन आर्मी ने अरुणाचल प्रदेश में एलएसी के पास लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर की पहली स्क्वॉड्रन तैनात कर दी है। मीसामारी में इस स्क्वॉड्रन का बेस बनाया गया है। एलएसी पर चीन के साथ चल रहे गतिरोध के बीच लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर की एलएसी के पास तैनाती अहम है। कुछ दिन पहले ही इंडियन आर्मी चीफ जनरल मनोज पाण्डे ने कहा था कि एलएसी पर हालात स्थिर हैं लेकिन अनिश्चितता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि चीनी सैनिकों की तैनाती में बहुत कमी नहीं आई है हालांकि कुछ टुकड़ियों के कम होने के संकेत मिल रहे हैं। भारत और चीन के बीच कोर कमांडर स्तर की 17 वें दौर की बातचीत के लिए तारीख तय करने पर चर्चा हो रही है।

इंडियन आर्मी ने अपनी पहली लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर की स्क्वॉड्रन को मीसामारी शिफ्ट किया है। यह एलएसी के पास है। इस स्क्वॉड्रन को इसी साल जून में बैंगलोर में बनाया गया था। सूत्रों के मुताबिक दो लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर इसी महीने की पहली तारीख को मीसामारी शिफ्ट किए गए। तीसरा हेलिकॉप्टर इस महीने के आखिर तक वहां चला जाएगा। चौथा लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर अगले महीने मिलेगा और पांचवां लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर अगले साल जनवरी में मिल जाएगा। इसके बाद स्क्वॉड्रन पूरी तरह से ऑपरेशनल हो जाएगी।

लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर पहले स्वदेशी अटैक हेलिकॉप्टर हैं और यह आर्मी के लिए पहले डेडिकेटेड अटैक हेलिकॉप्टर हैं। सेना के लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर में 20 एमएम की गन होगी, 70 एमएम का रॉकेट होगा, एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल हेलिना होगी। इसमें एयर टू एयर मिसाइल भी होगी लेकिन जो मिसाइल एयरफोर्स को मिले लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर में होगी, यह उससे अलग होगी। एयरफोर्स को मिले लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर में फ्रांस की मिस्त्राल-2 मिसाइल लगनी हैं। एयरफोर्स ने भी पिछले महीने ही लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर की अपनी पहली स्क्वॉड्रन जोधपुर में बनाई है।

भारतीय सेना को अभी 5 प्रचंड ही मिल रहे हैं लेकिन सेना 95 और लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर लेने की कोशिश कर रही है। इसी तरह एयरफोर्स के लिए अभी 10 हेलिकॉप्टर का कॉन्ट्रैक्ट हुआ है लेकिन एयरफोर्स को 65 और हेलिकॉप्टर चाहिए। सूत्रों के मुताबिक ये सब करीब 10-15 साल के भीतर मिल पाएंगे। स्वदेशी लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर एचएएल ने डिजाइन और डिवेलप किया है। इसका वजन 5.8 टन है। हल्के वजन का फायदा यह है कि ये हाई एल्टीट्यूट एरिया में भी अपनी फुल कैपिसिटी में मिसाइल और दूसरे हथियारों के साथ आराम से ऑपरेट कर सकता है। करगिल युद्ध के वक्त से लाइट कॉम्बेट हेलिकॉप्टर की जरूरत महसूस की गई थी।



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By admin