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इनकम टैक्स विभाग के निशाने पर क्यों आया थिंकटैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च, जानें पूरा मामला – income tax raids at think tank centre for policy research cpr in delhi linked to political parties’ funding say sources


नई दिल्ली : इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने बुधवार को देश भर में दो दर्जन से अधिक स्थानों पर छापेमारी की। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम थिंकटैंक सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च के चाणक्यपुरी ऑफिस भी पहुंची। टीम ने यहां तलाशी ली। सूत्रों की मानें तो यह छापेमारी उन लोगों से संबंधित है, जिन्होंने राजनीतिक दलों के लिए चंदा इकट्ठा किया था। इसमें कथित तौर पर टैक्स चोरी में शामिल होने की बात है। हालांकि, छापों को लेकर सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च की तरफ से अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। सूत्रों कहना है कि राजनीतिक दलों को चंदे की आड़ में करोड़ों रुपये की कर चोरी का पता चला है। सूत्र ने कहा कि यह मूल रूप से धोखाधड़ी और कर चोरी है जो राजनीतिक दलों को चंदा देने के नाम पर की गई थी। यह छापे दिल्ली, हरियाणा, महाराष्ट्र, गुजरात उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ समेत अन्य राज्यों में मारे गए।

क्या है सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च
सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च (सीपीआर) 1973 से भारत के प्रमुख सार्वजनिक नीति थिंक टैंकों में से एक रहा है। थिंकटैंक की वेबसाइट के अनुसार सीपीआर एक गैर-लाभकारी, गैर-पक्षपातपूर्ण, स्वतंत्र संस्थान है जो रिसर्च करने के लिए समर्पित है। यह उच्च गुणवत्ता वाली स्कॉलरशिप देने के साथ ही बेहतर नीती निर्माण में योगदान देता है। वेबसाइट के अनुसार यह भारत में जीवन को प्रभावित करने वाले मुद्दों के बारे में अधिक मजबूत सार्वजनिक राय को रखता है। इसके अलावा यह भारत के सर्वश्रेष्ठ विचारकों और नीति व्यवसायियों को एक साथ लाता है जो विभिन्न विषयों और पेशेवर पृष्ठभूमि से आकर्षित होकर, नीति क्षेत्र में अनुसंधान और जुड़ाव दोनों में सबसे आगे हैं।
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कहां से मिलती है फंडिग?
संस्थान की वेबसाइट के अनुसार सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च भारत सरकार की तरफ से एक गैर-लाभकारी सोसायटी के रूप में मान्यता प्राप्त है। इसमें अनुदान देना टैक्स फ्री है। CPR को भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICSSR) से अनुदान प्राप्त होता है। यह विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) से मान्यता प्राप्त संस्थान है। सीपीआर थिंक टैंक इनिशिएटिव (टीटीआई) का एक सदस्य संस्थान है, जो अंतर्राष्ट्रीय विकास अनुसंधान केंद्र (आईडीआरसी) का एक कार्यक्रम है। सीपीआर विभिन्न घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्रोतों से अनुदान प्राप्त करता है। इसमें फाउंडेशन, कॉर्पोरेट परोपकार, सरकारें और बहुपक्षीय एजेंसियां शामिल हैं।

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कौन-कौन है गवर्निंग बोर्ड में शामिल
सेंटर फॉर पॉलिसी रिसर्च की गवर्निंग बोर्ड में इंडियन काउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च समेत 10 लोग शामिल हैं। सीपीआर गवर्निंग बोर्ड की वर्तमान अध्यक्ष राजनीतिक वैज्ञानिक मीनाक्षी गोपीनाथ हैं। गोपीनाथ जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय पढ़ा चुकी हैं। वह दिल्ली में लेडी श्री राम कॉलेज की प्रिंसिपल भी रही हैं। इसके अलावा प्रेसिडेंट और मुख्य कार्यकारी यामिनी अय्यर हैं। बोर्ड के सदस्यों में पूर्व विदेश सचिव श्याम सरन, आईआईएम के प्रोफेसर रमा बीजापुरकर, सीआईआई के पूर्व अध्यक्ष और टाटा कम्युनिकेशन के पूर्व चेयरमैन सुबोध भार्गव, पूर्व राजदूत और इतिहासकार चंद्रशेखर दास गुप्ता, भारती एंटरप्राइजेज के वाइस चेयरमैन राकेश भारती मित्तल शामिल हैं।



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By admin