महापात्रा ने कहा, ‘वैसे तो हमें दक्षिणपश्चिम मॉनसून के शीघ्र वापसी की उम्मीद थी लेकिन पश्चिम मध्य तथा उसके निकटवर्ती बंगाल की खाड़ी के उत्तर पश्चिम हिस्से के ऊपर बना चक्रवातीय परिसंचरण मानसून को सात सितंबर के आसपास दक्षिण की ओर धकेलेगा। इससे मध्य और उत्तरी प्रायद्वीपीय भारत में वर्षा में वृद्धि होगी।’ उन्होंने कहा, ‘अत: मॉनसून की शीघ्र वापसी के लिए अनुकूल स्थितियां नहीं हैं। ’ उन्होंने कहा कि मौसम विभाग स्थिति पर नजर बनाये रखेगा।
मौसम विभाग ने 25 अगस्त को दक्षिणपश्चिम मॉनसून की शीघ्र वापसी का अनुमान व्यक्त किया था जबकि उसका निर्धारित समय 17 सितंबर है। भारत में इस मॉनसून में छह प्रतिशत अधिक वर्षा हुई है लेकिन उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, मणिपुर, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल के व्यापक हिस्से में कम वर्षा होने की सूचना है जिससे इस खरीफ मौसम में धान की फसल पर बुरा असर पड़ा है।
बिहार और उत्तर प्रदेश के हिस्सों में करेगा भरपाई
महापात्रा ने कहा कि सितंबर में वर्षा में संभावित वृद्धि से पश्चिम और दक्षिण उत्तर प्रदेश तथा उत्तर-पश्चिोत्तर बिहार के कई हिस्सों में बारिश में कमी की भरपाई में मदद मिल सकती है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में सितंबर में औसत वर्षा 109 प्रतिशत रहने की संभावना है, इस माह के लिए दीर्घावधि औसत वर्षा 167.9 मिलीमीटर है।
देश के इन हिस्सों में ऐसा रहेगा मौसम
आईएडी के महानिदेशक ने कहा, ‘पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों तथा पूर्व एवं पश्चिमोत्तर भारत के कुछ हिस्सों को छोड़कर भारत के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य और सामान्य से अधिक वर्षा रहने की संभावना है। पूर्वोत्तर भारत के कई हिस्सों तथा पूर्व एवं पश्चिमोत्तर भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम वर्षा की संभावना है।’उन्होंने कहा कि पूर्व और पूर्वोत्तर भारत के हिस्सों को छोड़कर देश के ज्यादातर हिस्सों में दिन का तापमान सामान्य से कम रहने की संभावना है।