सरकार गिरा चुकी है पहले ही 3 मदरसे, आतंकी गतिविधियां हो सही थीं संचालित
इस्लामिक मदरसों के खिलाफ राज्य सरकार की कार्रवाई के बाद यह चौथा मदरसा था, जो कि ढहाया गया। इससे पहले आतंकी गतिविधियों में शामिल होने के पुख्ता सबूत मिलने पर सरकार पहले ही तीन मदरसों को गिरा चुकी है। अधिकारियों के मुताबिक, अल-कायदा जैसे अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी समूहों के प्रति निष्ठा के कारण जिहादी तत्वों के लिये मदरसा एक केंद्र बन गया है।
सीएम हिमंता ने की थी अपील, आतंकी लोगों की करें पहचान
मदरसों को गिराने के पीछे असम के सीएम हिमंता बिसवा सरमा ने अपना रुख साफ किया था। सीएम ने कहा था कि आतंकी गतिविधियों को संचालित करने वाले ये मदरसे हमारे राज्य के भविष्य के लिए बड़ा खतरा हैं। इसके साथ ही सीएम ने लोगों से इस बात की अपील भी की थी कि लोग अपने आसपास इस प्रकार से संचालित प्रतिष्ठानों पर नजर रखें। माना जा रहा है कि गोलपारा में मदरसा गिराया जाना लोगों की जागरूकता का ही एक जीता जागता नमूना है, जहां इससे भड़के लोगों ने मदरसे को गिराने का खुद ही फैसला ले लिया। मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने जनता से अपील करते हुए कहा था कि अधिकारियों को जिहादियों की पहचान करने में मदद करने के लिए आप सभी का साथ जरूरी है। उन्होंने निवासियों से बाहरी लोगों पर नजर रखने के लिए कहा था, जो कि मस्जिदों में इमाम या मदरसों में शिक्षक के रूप में छिपे आतंकवादी हो सकते हैं।
मदरसा गिराने में प्रशासन का कोई रोल नहीं
गोलपारा में मदरसा गिराए जाने को लेकर पुलिस का कहना है कि इसमें हमारा कोई रोल नहीं है। एसपी वीवी राकेश रेड्डी ने कहा कि हमें इसकी कोई जानकारी नहीं थी और न ही जिला प्रशासन इसमें शामिल था। जानकारी देते हुए एसपी रेड्डी ने कहा कि जिस आरोपी जलालुद्दीन शेख को गिरफ्तार किया गया है, उसने साल 2020 से अलग-अलग समय पर दो बांग्लादेशी नागरिकों को मदरसे के शिक्षकों के रूप में नियुक्त किया था।इनके नाम अमीनुल इस्लाम उर्फ उस्मान और जहांगीर आलम हैं। वहीं अभी भी दोनों फरार बताए जा रहे हैं, जिनकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस प्रयासरत है।
40 लोगों की हो चुकी है गिरफ्तारी
मदरसों या ऐसे ही जुड़े प्रतिष्ठान जहां से आतंकी गतिविधियां संचालित की जा रही हैं। पुलिस ने मार्च के बाद से चलाई जा रही कार्रवाई में इस मामले में करीब 40 लोगों को पकड़ा है, ये लोग भारतीय उप-महाद्वीप/अंसारुल्ला बांग्ला टीम (एक्यूआईएस/एबीटी) में अलकायदा के सदस्य बताए जाते हैं, जो कि आतंकवादी संगठन की ही एक शाखा है। इनमें से ज्यादातर ऐसे लोग हैं, जो कि इमाम या मदरसों के शिक्षक के रूप में काम कर रहे थे। सरकार ने पिछले महीने ही तीन जिलों में तीन मदरसों को ध्वस्त करने की कार्रवाई की है।