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अभी भी विश्वास नहीं हो रहा, आपको हमेशा याद करेंगे… साइरस मिस्त्री संग तस्‍वीर शेयर कर सुप्रिया सुले ने लिखा भावुक पोस्‍ट


मुंबई: टाटा संस के पूर्व अध्यक्ष साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) का मंगलवार को मुंबई में अंतिम संस्कार कर दिया गया। मिस्त्री की रविवार को एक कार दुर्घटना में मौत हो गई थी। वह 54 साल के थे। साइरस मिस्त्रीके निधन से कॉरपोरेट जगत सदमे में है। इस बीच महाराष्ट्र की सांसद और शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने आज बिजनेस टाइकून के साथ दिल को छू लेने वाली तस्वीरें सोशल मीड‍िया पर शेयर कीं। उन्होंने पोस्ट के कैप्शन में लिखा, ‘अभी भी विश्वास नहीं हो रहा है। हम आपको हमेशा याद करेंगे। रेस्ट इन पीस साइरस।’

सुप्रिया सुले ने साइरस मिस्त्री को अपना जुड़वा करार द‍िया। सुप्रिया सुले ने कहा क‍ि हम जुड़वां की तरह थे, क्योंकि हमारी बहुत सी आदतें आपस में मिलती थी। हम खाना खाते समय हमेशा फोन पर बात करते थे। साइरस की यह आदत उनकी पत्नी रोहिका को पसंद नहीं थी और वह हमेशा कहती थी कि खाते समय बात करना सही नहीं होता है।

‘मिस्त्री को पसंद था महाराष्ट्रियन खाना’
सुले ने कहा क‍ि मेरे पति सदानंद और बेटी रेवती को 12 सितंबर को लंदन में साइरस से मुलाकात करनी थी लेकिन नियति की कोई और ही योजना थी। लोकसभा सदस्य ने बताया कि उनकी मिस्री के साथ दोस्ती 30 साल पुरानी थी और वह हमेशा सुर्खियों से दूर रहते थे और महाराष्ट्रियन खाना उन्हें पसंद था।

‘बहुत स‍िंपल और विनम्र मनुष्य थे साइरस मिस्त्री
सुले ने कहा क‍ि उन्हें ठेचा पसंद था जो महाराष्ट्र का शाकाहारी व्यंजन है और इसे हरी या लाल मिर्च, नमक, लहसुन, घी और तेल और लौंग को एक साथ कूट कर बनाया जाता है। उन्हें झींगा करी भी पसंद थी। शायद उनमें महाराष्ट्रियन आत्मा थी। एनसीपी नेता ने कहा क‍ि वह बहुत स‍िंपल और बहुत ही विनम्र मनुष्य थे।

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‘पुणे जाना और सिर्फ सादा भोजन करना’
सुले ने कहा क‍ि पुणे जाना और सिर्फ सादा भोजन करना, उन्हें पसंद था। वे माथेरान और महाबलेश्वर में उतने ही सहज थे जितने स्विटजरलैंड और पेरिस में थे। उन्‍होंने कहा कि मिस्री अपने स्कूल के दोस्तों के साथ अच्छी तरह से मिलते थे, उनके स्कूल के मित्र उनके सबसे अच्छे दोस्त थे।

‘फोटो खिंचवाना, फ्लैश लाइट नापसंद थे साइरस को’
सुले ने कहा क‍ि उन्हें फोटो खिंचवाना, फ्लैश लाइट आदि को नापसंद थे। वह समय के पाबंद थे और वक्त और लोगों को महत्व देते थे। उनके पास नेतृत्व और प्रबंधन के सभी अच्छे गुण थे। वह बहुत सी किताबें पढ़ते थे और वह बहुत सम्मानजनक और मृदु भाषी थे।



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By admin