नई दिल्ली: हाल के समय में बारिश को लेकर मौसम विभाग (IMD) की ओर से लगाए गए पूर्वानुमान गलत साबित हुए हैं। खासकर दिल्ली के संबंध में ऐसा हुआ है। मौसम संबंधी पूर्वानुमान के (Weather Prediction) सही साबित नहीं होने पर पृथ्वी विज्ञान विभाग के सचिव एम रविचंद्रन ने सोमवार को कहा कि बादलों की गति की बेहतर समझ के लिए उच्च आवृत्ति वाले अवलोकन की जरूरत है। साथ ही उन्होंने कहा कि अत्यधिक स्थानीय वर्षा की घटनाओं की भविष्यवाणी करने के लिए अभी तक कोई विज्ञान नहीं है।
रविचंद्रन ने कहा वास्तव में हमें और अधिक विज्ञान की आवश्यकता है। हमें बेहतर पूर्वानुमानों के लिए अधिक उच्च आवृत्ति वाले अवलोकन की आवश्यकता है, खासकर दिल्ली जैसे राज्य के लिए। उन्होंने कहा कि पूर्वी हवाओं के लिए दिल्ली मिलने वाली बिंदु है। इस सीमा क्षेत्र के लिए सटीक पूर्वानुमान लगाना हमेशा मुश्किल होता है। रविचंद्रन ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में 80 प्रतिशत बादल छाए हुए हैं, लेकिन बारिश नहीं है। Amarnath yatra news: अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से नहीं, तेज बारिश के चलते आई बाढ़, मौसम विज्ञान विभाग का दावा उन्होंने कहा कि ऐसा ही यदि पहाड़ी इलाकों में होता तो निश्चित रूप से बारिश होती। उन्होंने कहा कि दिल्ली के लिए उच्च आवृत्ति मौसम अवलोकन और बेहतर पूर्वानुमान के लिए बादल संचरण (क्लाउड डायनामिक्स) की बेहतर समझ की आवश्यकता थी। पृथ्वी विज्ञान सचिव ने कहा कि अत्यधिक स्थानीय वर्षा की घटनाओं की भविष्यवाणी करने के लिए अभी तक कोई विज्ञान नहीं है जिसके परिणामस्वरूप शुक्रवार शाम अमरनाथ गुफा मंदिर में त्रासदी हुई जिसमें 17 लोगों की मौत हो गई।
हमारे पास अलग-अलग स्थानों पर होने वाली स्थानीय भारी वर्षा की भविष्यवाणी करने के लिए विज्ञान नहीं है। भूकंप की तरह हमारे पास वर्षा की भविष्यवाणी करने के लिए भी विज्ञान नहीं है।
एम रविचंद्रन,पृथ्वी विज्ञान विभाग के सचिव
पिछले कुछ हफ्तों से मौसम कार्यालय की ओर से जारी राष्ट्रीय राजधानी में बारिश संबंधी पूर्वानुमान सच नहीं साबित हुए। मौसम कार्यालय की ओर से की गई सोमवार की भविष्यवाणी हकीकत से दूर रही, जिसमें थोड़ी बारिश शनिवार तक होने की भविष्यवाणी की गई थी।