पंचायत चुनाव से पहले मिली पैरोल
राज्यव्यापी पंचायत चुनाव और हरियाणा में आदमपुर विधानसभा के उपचुनाव से कुछ ही हफ्ते पहले जेल में बंद डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह को पैरोल पर रिहा किया गया था। डेरा प्रमुख पर अपनी दो शिष्यों से बलात्कार के जुर्म में 20 साल की सजा मिली हुई है। राम रहीम इस साल तीसरी बार 40 दिन की पैरोल पर रिहा हुआ है। गुरमीत राम रहीम सिंह के परिवार ने उसके लिए पैरोल मांगी थी। 15 अक्टूबर को उनकी रिहाई के बाद से, राजनेता उनके आशीर्वाद के लिए लाइन में खड़े हैं। राम रहीम के अनुयायियों को एक संदेश देने के लिए ‘वर्चुअल’ आशीर्वाद लेने का विकल्प भी है। माना जाता है कि डेरा प्रमुख वोट की राजनीति में गेमचेंजर की भूमिका निभाते हैं- चाहे वह संसदीय हो या विधान सभा या पंचायत।
यूपी के बागपत में रह रहा है राम रहीम
इस बार पैरोल के बाद डेरा प्रमुख उत्तर प्रदेश के बागपत में अपने पंथ के डेरा में रह रहा है। सिर्फ भाजपा ही नहीं, लगभग हर राजनीतिक दल- कांग्रेस, पंजाब की शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) और आम आदमी पार्टी (आप)- आम सहमति के जरिए अपने पक्ष में वोट हासिल करने के लिए संप्रदायों के प्रमुखों के साथ मिल रहे हैं। इस बार हरियाणा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा उन राजनेताओं की सूची में शामिल हैं जिन्होंने राम रहीम के ऑनलाइन प्रवचन को सुना और आशीर्वाद लिया। गंगवा ने कहा कि वह लोगों की अधिक क्षमता के साथ एक बड़े आयोजन स्थल की व्यवस्था करेंगे ताकि हर कोई स्वयंभू बाबा का सम्मान करें। अन्य भाजपा नेताओं में करनाल की मेयर रेणु बाला गुप्ता के साथ उप महापौर नवीन कुमार और वरिष्ठ उप महापौर राजेश अग्गी शामिल हैं।
पैरोल पर उठे सवाल, जेल मंत्री ने दिया जवाब
राज्य के जेल मंत्री रंजीत सिंह ने मीडिया से कहा, पैरोल का फैसला कानून के मुताबिक लिया गया है। पैरोल के दौरान वह राजस्थान में डेरा के परिसर में रहेगा। बलात्कार और हत्या के मामलों में दोषी ठहराए जाने के बाद से वह 2017 से सुनारिया जेल में बंद है। पिछले साल गुरमीत राम रहीम सिंह को बीमार मां से मिलने की उनकी याचिका समेत विभिन्न कारणों से तीन बार जेल से रिहा किया गया था।