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रंगीन मेंढक देख संभल जाइएगा! छूने भर से हार्ट फेल हो सकता है


नई दिल्ली : क्या आपने कभी सोचा है कि शहर और फैक्ट्रियों से अनजान घने जंगलों में रहने वाले जनजातीय समुदाय के लोग जहर कैसे बनाते होंगे? हां, जहर की जरूरत पड़ती है जिससे वे जानवरों का शिकार कर सकें। ‘जंगल न्यूज’ की कड़ी में आप पढ़ चुके हैं कि कैसे दक्षिण अमेरिका में रहने वाली एक जनजाति बाणों पर जहर लगाकर पेड़ पर बैठे बंदरों का शिकार करती है। आज पढ़िए जंगल में जहर बनाया कैसे जाता है। वास्तव में, प्रकृति हमें हर छोटी-बड़ी चीजें उपलब्ध कराती है। जहर की बात करें तो जंगल में रहने वाले कई जीव ऐसे होते हैं जिनका शरीर इतना जहरीला होता है कि उससे जनजातीय समुदाय का काम हो जाता है।

ऐसा ही जीव होता है लाल-हरे रंग का पॉइजन डार्ट फ्रॉग, यह देखने में शायद कुछ लोगों को आकर्षक लगे पर होता बहुत खतरनाक है। ज्यादातर मेंढक तो इंसानों के लिए खतरनाक नहीं होते हैं लेकिन कुछ घातक हो सकते हैं। गोल्डेन पॉइजन डार्ट फ्रॉग दो इंच लंबा होता है लेकिन इसके संपर्क में आने पर इंसान की मौत भी हो सकती है। हालांकि म्यूजियम के लिए पाले जाने वाले रंगीन मेंढक जहरीले नहीं होते हैं।

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अब वापस जंगल की बात करते हैं। जंगली जानवरों का शिकार करने के लिए जहर के स्रोत के रूप में ये मेंढक काम आते हैं। जंगली समुदाय के लोग ब्लोगन (या ब्लोपाइप) से छोटे बाण मारकर शिकार करते हैं। यही तरीका बंदरों को मारने के लिए भी अपनाया जाता है। लकड़ी की ट्यूबनुमा लाठी होती है जो छोटे बाणों के लिए गन का काम करती है। दूर पेड़ की ऊंचाई पर बैठी चिड़िया या बंदर बाण लगते ही जमीन पर आ जाते हैं क्योंकि ये लोग बाण के नुकीले हिस्से में जहर लगाकर रखते हैं। यह जहर चमकीले मेंढक से मिलता है।

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ये मेंढक नीले, पीले, लाल और नारंगी रंग के होते हैं। सबसे खतरनाक और जहरीला मेंढक गोल्डेन कलर का होता है, जो कोलंबिया के जंगलों में पाया जाता है। जब ये मुश्किल में होता है तो इसके शरीर से स्राव होने लगता है और सबसे अधिक विषैला तरल पदार्थ batrachotoxin प्राप्त होता है। यह जहर नर्व सिग्नल का ट्रांसमिशन ब्लॉक कर सकता है। इससे हार्ट फेल हो सकता है या रेसपिरेटरी पैरालिसिस हो सकता है। एक मेंढक में 1 एमजी batrachotoxin जहर होता है, जो 20 हजार चूहे और 15 इंसानों को मारने के लिए काफी होता है। यह जहर सायनाइड से भी कई गुना ज्यादा खतरनाक होता है।

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ग्लब्स के बगैर पकड़ा तो मुश्किल में पड़ सकती है जान। दरअसल, किसी तरह के डर का खतरा महसूस होते ही इनकी त्वचा से जहर निकलने लगता है। जहर का असर होते ही नब्ज सिकुड़ने लगती है और शख्स दम तोड़ देता है। अगली बार कहीं रंगीन मेंढक दिखे तो थोड़ा संभल जाइएगा।



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By admin