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नई दिल्‍ली: 31 अक्‍टूबर, 1984। आम दिनों की तरह सूरज निकला था। लेकिन, सुबह 9.29 बजते ही पूरे देश में सन्‍नाटा छा गया। सफदरजंग रोड में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी (Ex PM Indira Gandhi) के अपने बॉडीगार्डों ने उन पर गोलियों की बौछार कर दी। वह वहीं बेसुध होकर गिर गईं। ब्रिटिश एक्‍टर पीटर उसतिनोव (Peter Ustinov) उनका इंटरव्‍यू लेने वाले थे। इंद‍िरा ने इसके लिए खास हल्‍के ऑरेंज रंग की साड़ी पहनी थी। इस पर काले रंग का बॉर्डर था। यह कॉटन की साड़ी थी। साड़‍ियों का उनका शौक गजब था। आयरन लेडी इनका कम्‍यूनिकेशन टूल की तरह इस्‍तेमाल करती थीं। खास तरह का हेयर स्‍टाइल, आत्‍मविश्‍वास भरी चाल और ये साड़‍ियां मिलकर उनके व्‍यक्तित्‍व को निखारने का काम करते थे। इन साड़‍ियों को पहनने का उनका स्‍टाइल भी अनूठा था। कभी वह इन्‍हें गुजराती स्‍टाइल में पहनतीं तो कभी पारसी स्‍टाइल में। कभी वह सीधा पल्‍लू लेतीं तो कभी उलटा। पल्‍ले से सिर ढंकना या कभी कमर में इसे कोंच लेने की स्‍टाइल पर महिलाएं फिदा थीं। पारंपरिक साड़ि‍यों की मदद से इंदिरा आसानी से ग्रामीण और शहरी आबादी से जुड़ जाती थीं।

इंद‍िरा ने पहन रखी थी यह साड़ी

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इंदिरा गांधी जैसे चलती थीं जैसे पहनती-ओढ़ती थीं, वह सबकुछ बोलता था। यह और बात है कि इनमें साड़‍ियों की अलग ही जगह थी। यह उनका फैशन स्‍टेटमेंट भी था। आखिरी वक्‍त भी उन्‍होंने साड़ी ही पहन रखी थी। यह साड़ी हल्‍के ऑरेंज रंग की थी। इसकी किनारियां काली थीं। पैरों में उन्‍होंने काले रंग के सैंडल पहने थे। उस दिन वह एक इंटरव्‍यू के लिए जा रही थीं। सुबह 9.29 बजे उनके बॉडीगार्डों सतवंत सिंह और बेअंत सिंह ने उन पर गोलियों की बौछार कर दी। इसी साड़ी में उन्‍होंने अंतिम सांस ली।

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इंदिरा गांधी ने हैंडलूम साड़ियों को ग्‍लैमर का हिस्‍सा बना दिया। देश की आजादी के बाद साड़‍ियां स्‍वदेशी का प्रतीक बनीं। बड़े करीने से इंदिरा इन्‍हें पहना करती थीं। ये साड़‍ियां उन्‍हें लोगों से बहुत जल्‍दी कनेक्‍ट कर देती थीं। उस समय राजनीति में महिलाएं वैसे भी बहुत कम थीं। इंदिरा ने इस वेशभूषा को जनसंपर्क का एक मजबूत टूल बना लिया।

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साड़ी के पल्‍लू के साथ खूब प्रयोग करती थीं पूर्व पीएम
इंदिरा गांधी पूरे अधिकार के साथ ये साड़‍ियां पहनती थीं। विदेश दौरों में भी उन्‍हें साड़‍ियों में ही देखा जाता था। वह इन साड़‍ियों को कई तरह से पहनती थीं। इनमें गुजराती, पारसी और साउथ इंडियन स्‍टाइल शामिल थे। साड़ी के पल्‍लू के साथ भी वह खूब प्रयोग करती थीं। कभी सीधे तो कभी उलटे पल्‍लू में वह इन्‍हें पहनती थीं। कभी वह सिर से पल्‍लू लेतींं तो कभी इसे कमर में लगातीं। महिलाओं को ये प्रयोग काफी अच्‍छे लगते थे। इन साड़‍ियों पर उनके लंबे और शॉर्ट स्‍लीव के सफेद कॉटन ब्‍लाउज की भी खूब चर्चा होती थी। ये इंदिरा को खास तरह का लुक देते थे।

इंदिरा के कलेक्‍शन में शायद की किसी तरह की साड़ी छूट गई हो। हालांकि, वह इम्‍ब्रायडरी गाढ़ा, प्रिंटेड कॉटन, खादी, रॉ सिल्‍क, टेम्‍पल बॉर्डर और कश्‍मीरी नीडल वर्क वाली साड़‍ियां ज्‍यादा पहनती थीं। उनकी बहू सोनिया गांधी और पोती प्रियंका गांधी को भी साड़‍ियों का काफी शौक है। वे भी अक्‍सर अपने पहनावे-उढ़ावे में इंदिरा की याद दिलाती हैं।



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