तो फिर गांधी परिवार से ही बनेगा अगला अध्यक्ष?
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार अंदरूनी सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि राज्य के प्रतिनिधियों को मौजूदा अध्यक्ष सोनिया गांधी को अगले कांग्रेस अध्यक्ष के नाम की अनुमति देने का प्रस्ताव पारित करने से कोई नहीं रोक सकता है। लेकिन यह कांग्रेस केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण पर बाध्यकारी नहीं होगा। चुनाव प्रक्रिया से जुड़े एक नेता ने कहा, “हम प्रस्ताव पारित करने की इस प्रक्रिया का हिस्सा नहीं हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटियों से इस महीने की 20 तारीख से पहले प्रस्ताव पारित करने का अनुरोध किया गया है। 22 सितंबर से चुनाव अधिसूचना की प्रक्रिया शुरू होगी। अध्यक्ष पद के लिए नामांकन 24 से 30 सितंबर के बीच दाखिल किए जा सकते हैं और मतदान 17 अक्टूबर को होगा।
नया अध्यक्ष चुनने के लिए व्यापक सहमति पर जोर
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने पार्टी अध्यक्ष पद के चुनाव की प्रक्रिया आरंभ होने से कुछ दिनों पहले, बुधवार को कहा कि नया अध्यक्ष चुनने के लिए व्यापक सहमति बनाई जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि किसी भी स्थिति में संगठन से जुड़े मामलों में नेहरू-गांधी परिवार का महत्व बना रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस चुनाव में गांधी परिवार से इतर कोई और अध्यक्ष चुना जाता है तो भी सोनिया गांधी वह व्यक्ति होंगी जिनकी ओर हर व्यक्ति उम्मीद से देखेगा। इसके अलावा राहुल गांधी पार्टी के वैचारिक केंद्रबिंदु बने रहेंगे।
चुनाव लड़ने वालों को मिलेगी डेलीगेट लिस्ट
कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए 24 सितंबर से नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया आरंभ होने से पहले चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों को निर्वाचक मंडल (डेलीगेट) की सूची उपलब्ध करा दी जाएगी। साथ ही सभी डेलीगेट को क्यूआर कोड वाले पहचान पत्र भी जारी किए जा रहे हैं। कांग्रेस के केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण (सीईए) के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री ने बुधवार को पार्टी मुख्यालय में प्रदेश निर्वाचन अधिकारियों के साथ बैठक कर चुनाव तैयारियों पर चर्चा की। सूत्रों का कहना है कि निर्वाचन अधिकारियों से कहा है कि वे सुनिश्चित करें कि 20 सितंबर से एआईसीसी डेलीगेट का चुनाव हो जाएगा तथा प्रदेश इकाइयों के नये अध्यक्ष चुन लिए जाएं। शशि थरूर और मनीष तिवारी सहित पांच सांसदों ने प्रक्रिया के बारे में चिंता जताई थी। उन्होंने चुनाव प्राधिकरण के प्रमुख मधुसूदन मिस्त्री को पत्र लिखकर प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता की मांग की थी।