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हाइलाइट्स

  • प्लास्टिक का तिरंगा बनाना किसी के लिए भले ही कारोबार है, लेकिन अब इसके खिलाफ जन समर्थन बन रहा है
  • तभी तो प्लास्टिक तिरंगा बंद करने के लिए देश भर में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है
  • प्लास्टिक तिरंगे को लेकर सोशल मीडिया ऐप पर इन दिनों चल रही मुहिम को देश भर से जोरदार समर्थन मिल रहा है

नई दिल्ली
प्लास्टिक का तिरंगा (झतोेूगम ऊगीोलुो) बनाना किसी के लिए भले ही कारोबार है, लेकिन अब इसके खिलाफ जन समर्थन बन रहा है। तभी तो प्लास्टिक तिरंगा बंद करने के लिए देश भर में जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। प्लास्टिक तिरंगे को लेकर Koo App पर इन दिनों चल रही मुहिम को देश भर से जोरदार समर्थन मिल रहा है। कई राज्यों के मुख्यमंत्री, कैबिनेट मंत्री, बड़े नेता, खिलाड़ी और सेलेब्रिटीज ने इस पर प्लास्टिक का तिरंगा प्रयोग ना करने की शपथ ली। साथ ही, इन्होंने जनता से भी कपड़े और कागज के तिरंगे इस्तेमाल करने की अपील की है।

देश भर के बड़े नेताओं, मुख्यमंत्रियों से मिला समर्थन
प्रकृति को स्वच्छ बनाए रखने और अपने तिरंगे की शान को बढ़ाने के लिए शुरू की गई इस मुहिम को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ का भी साथ मिला। योगी आदित्यनाथ ने अपने ऑफिशियल Koo अकाउंट से अपने समर्थकों और आम जनता से अपील की कि वो कभी भी प्लास्टिक के तिरंगे का इस्तेमाल ना करें।
इस मुहिम में हिस्सा लेते हुए श्री योगी आदित्यनाथ ने लिखा, “ देश की एकता, अखंडता एवं संप्रभुता का प्रतीक हमारा राष्ट्रध्वज सभी भारतवासियों का गौरव है। आइए, हम सभी तिरंगे के सम्मान, पर्यावरण की रक्षा तथा राष्ट्र हित में प्लास्टिक के तिरंगे का प्रयोग कभी न करने की शपथ लें। जय हिंद-जय भारत!”

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस मुहिम में हिस्सा लेते हुए अपील की, “75वें #स्वतंत्रता_दिवस पर मैं प्रदेश के सभी भाई-बहनों व युवाओं से अनुरोध करता हूं कि आप कागज या कपड़े से बने तिरंगे को गर्व और शान से फहरायें। आइये, आज हम सब स्वतंत्रता दिवस के इस पुनीत अवसर पर स्वच्छ और गौरवशाली भारतवर्ष बनाने की शपथ लें।”

पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह के कार्यालय ने भी इस मुहिम में हिस्सा लिया और अपने ऑफिशियल अकाउंट से लिखा कि, “75वें स्वतंत्रता दिवस पर प्लास्टिक तिरंगे का इस्तेमाल ना करें और देश को स्वच्छ बनाएं”

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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंंत्री श्री जयराम ठाकुर ने भी प्लास्टिक तिरंगे के पर्यावरण पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव के बारे में बताते हुए लिखा, “तिरंगे की शान का प्लास्टिक से अपमान ना करें। इस स्वतंत्रता दिवस पर मैं शपथ लेता हूं कि प्लास्टिक तिरंगे का उपयोग नहीं करूंगा और अपने राज्य के नागरिकों से भी अनुरोध करूंगा की वो भी ये शपथ लेकर तिरंगे का मान बढ़ाएं।”

पूर्वोत्तर राज्यों से असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्वा शर्मा ने फ्लैग कोड 2002 की याद दिलाते हुए लोगों से सिर्फ कागज वाले तिरंगे का प्रयोग करने की अपील की। मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बीरेन सिंह ने लोगों से तिरंगे को उचित सम्मान देने के लिए प्लास्टिक तिरंगे का इस्तेमाल ना करने की अपील की। त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने भी लोगों से अपील की और कहा कि प्लास्टिक के तिरंगे को ना कहिए और अपने तिरंगे की शान बढ़ाइए।

केन्द्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा ने भी इस मुहिम में हिस्सा लिया और लिखा, “प्लास्टिक के अंधाधुंध इस्तेमाल ने बीते कुछ सालों में हमारी नदियों और देश को प्रदूषित किया है। इसलिए, इस स्वतंत्रता दिवस पर मेरा अनुरोध है कि आप मेरे साथ मिलकर शपथ लें कि प्लास्टिक के तिरंगे झंडे का इस्तेमाल नहीं करेंगे और तिरंगे की शान बढ़ाएंगे। जय हिंद।”

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छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह ने भी लोगों से अपील की और लिखा, “पर्यावरण की सुरक्षा ही हमारी सुरक्षा है! 15 अगस्त को आज़ादी के पर्व पर हम सब भी संकल्प लें प्लास्टिक से आज़ादी की। इस पवित्र दिन प्लास्टिक के तिरंगे का उपयोग न करें, न ही किसी को प्रेरित करें। यह छोटा सा प्रयास ही धीरे-धीरे जागरूकता लाएगा और हम पर्यावरण की सुरक्षा के लिए प्लास्टिक मुक्त राष्ट्र बना पाएंगे।”

राजस्थान के पर्यावरण मंत्री और कांग्रेस नेता सुखराम बिश्नोई ने लिखा, “प्लास्टिक का तिरंगा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है. इसलिए इस स्वतंत्रता दिवस पर मैं शपथ लेता हूं कि प्लास्टिक के तिरंगे का इस्तेमाल नहीं करूंगा, साथ ही साथियों से भी अनुरोध करूंगा कि वो भी प्लास्टिक के तिरंगे से दूरी बनाकर पर्यावरण की रक्षा करें.”

लोक जनशक्ति पार्टी के नेता चिराग पासवान ने लिखा, “प्लास्टिक का तिरंगा केवल हमारे पर्यावरण के लिए ही नहीं बल्कि हमारे देश की शान हमारे तिरंगे के लिए भी अपमानजनक है। तो आइए इस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर हम सभी मिलकर शपथ ले कि इस स्वतंत्रता दिवस पर हम केवल कपड़े या फिर कागज के ही तिरंगे का इस्तेमाल करेंगे।”

सेलिब्रिटीज और कई भारतीय खिलाड़ी भी मुहिम से जुड़े
ओलिंपिक में शानदार प्रदर्शन करने और भारत को इस बार टोक्यो ओलंपिक्स में रजत पदक दिलाने वाले रवि कुमार दहिया ने भी शपथ लेते हुए लिखा कि बिना प्लास्टिक के इस्तेमाल नहीं कर के हम दुनिया को और भी खूबसूरत बना सकते हैं |

भारत को 2008 में ओलिंपिक में पहला गोल्ड मेडल दिलाने वाले अभिनव बिंद्रा भी शपथ लेते हैं कि वह प्लास्टिक तिरंगे का इस्तेमाल नहीं करेंगे और अपने राष्ट्रीय ध्वज को पूरा सम्मान देंगे |

इस साल देश को टोक्यो ओलंपिक्स में फ्रीस्टाइल रेसलिंग में कांस्य पदक जीतने वाले दीपक पुनिया भी लोगों से अपील करते हुए लिखा कि, “अगर किसी वस्तु को रीसाइकिल कर के दोबारा उपयोग नहीं कर सकते है तो बेहतर है आप उसका इस्तेमाल करना बंद कर दीजिए. प्लास्टिक के तिरंगे को ना कहिए.”

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क्यों प्लास्टिक तिरंगे को कहें ना?
हर साल गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर कई समारोह के दौरान लोग प्लास्टिक के तिरंगे का इस्तेमाल करते हैं, लोग अपने बच्चों को भी प्लास्टिक के तिरंगे दे देते हैं। समारोह के बाद इन तिरंगों पर किसी का ध्यान नहीं जाता है और जाने अनजाने में लोग तिरंगे का अपमान कर बैठते हैं। प्लास्टिक के तिरंगे का विघटन भी मुश्किल होता है जो हमारे पर्यावरण के लिए काफी हानिकारक है इसलिए प्लास्टिक के तिरंगे का प्रयोग ना कर के हम पर्यावरण को तो बचाते ही हैं साथ में तिरंगे की शान को भी बढ़ाते हैं।

गृह मंत्रालय ने भी दिए निर्देश
गृह मंत्रालय ने भी सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक पत्र में कहा है कि प्‍लास्टिक से बने तिरंगों को ठीक से डिस्‍पोज करना एक समस्‍या है। राष्‍ट्रीय ध्‍वज को लेकर केंद्र सरकार ने कहा है कि प्‍लास्टिक के तिरंगे प्रयोग ना किए जाएं। राष्ट्रीय, सांस्कृतिक और खेल आयोजनों पर कागज के बने तिरंगे की जगह कई बार प्लास्टिक से बने तिरंगे का उपयोग किया जाता है। गृह मंत्रालय की ओर से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है कि ऐसे आयोजनों पर केवल कागज के बने तिरंगे का उपयोग होना चाहिए।

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