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नई दिल्ली: केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजीजू ने उच्च न्यायालय के कुछ जजों के तबादले संबंधी सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सिफारिशों के विरुद्ध कुछ वकील निकायों के प्रदर्शन से शनिवार को असहमति जतायी। यहां नवनियुक्त प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ के स्वागत समारोह को संबोधित करते हुए रिजीजू ने कहा कि अगर कॉलेजियम के हर फैसले के लिए हड़ताल आए दिन की परिघटना बन जाती है तो ‘ यह कहां जाएगी।’

दो राज्यों के बार निकायों ने किया था विरोध
बता दें कि गुजरात, तेलंगाना और मद्रास बार निकायों ने कुछ न्यायाधीशों का स्थानांतरण करने के कॉलेजियम के फैसले के विरोध में प्रदर्शन किया था। बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा भारत के मुख्य न्यायाधीश डॉ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़ को सम्मानित करने के लिए आयोजित एक समारोह में अपने संबोधन में, रिजिजू ने कहा- जब ऐसी चीजें होती हैं जो मांगों को आगे बढ़ाने के संदर्भ में बहुत अधिक मुखर होती जा रही हैं, तो इसमें एक अलग मोड़ लेने का जोखिम होता है।
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रिजीजू ने जताई नाराजगी
रिजीजू ने कहा, ‘‘कल मैंने सुना कि कुछ वकील स्थानांतरण के मामले को लेकर प्रधान न्यायाधीश से मिलना चाहते हैं। अब भले ही यह मुद्दा हो, लेकिन यदि आप अलग से देखें तो यह कई मुद्दों में एक मुद्दा हो। लेकिन यदि यह कॉलेजियम के हर फैसले, जिसका सरकार समर्थन करती रहती है, पर बार-बार होने वाली घटना हो जाए तो यह कहां ले जाएगी। ऐसे में, पूरा आयाम ही बदल जाएगा।’
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बार काउंसिल को करना होगा मजबूत
रिजिजू ने कहा कि यह सुनिश्चित करने के लिए कि भारतीय न्यायपालिका बहुत मजबूत बनी रहे, न केवल अदालतों, न केवल न्यायाधीशों, बल्कि बार काउंसिल ऑफ इंडिया (बीसीआई) और सभी बार काउंसिलों को मजबूत करना होगा। उन्होंने कहा कि अगर संस्था से ज्यादा लोग अपनी राय रखना शुरू कर देते हैं तो खतरा है और क्या होगा अगर, व्यक्तिगत वकीलों के कुछ विचार प्रमुखता से लेते हैं, यह बीसीआई की राय पर हावी हो जाता है।
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वकीलों का आचरण भी जरूरी
उन्होंने कहा कि न्यायपालिका का सम्मान हो, न्यायपालिका की स्वतंत्रता बनी रहे, इसके लिए न केवल न्यायाधीशों का आचरण बल्कि वकीलों का आचरण भी उतना ही आवश्यक है। रिजिजू ने कहा, कभी-कभी यह देश के लिए अच्छा होता है कि कानून मंत्री को कानून की ज्यादा जानकारी नहीं होती है। अगर मैं तथाकथित वकीलों के समुदाय का हिस्सा हूं, तो मेरा ²ष्टिकोण और मेरी धारणा एक वकील की तरह होगी। उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणियों को केवल जनता की राय से लिया गया है और उन्होंने इसे बहुत ही सरल शब्दों में रखा है।

(IANS के इनपुट के साथ)



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