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will schools be closed again: Kerala +1 Exams 2021 Postponed, Supreme Court stays Plus One Exams, postpones decision till September 13, Taking cognizance of the rising cases in the state, the apex court has stayed the examination and asked the government to consider Alternative solution: कोरोना बढ़ा तो केरल में परीक्षा पर रोक, तो क्या आगे फिर बंद हो सकते हैं स्कूल?


नई दिल्‍ली
केरल में कोरोना के बढ़ते मामलों को देख सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को एक महत्‍वपूर्ण आदेश दिया। शीर्ष न्‍यायालय ने 11वीं कक्षा की ऑफलाइन परीक्षा आयोजित करने के राज्य सरकार के फैसले पर एक हफ्ते के लिए रोक लगा दी। कोर्ट के इस आदेश के बाद यह आशंका जताई जाने लगी है कि कहीं आगे चलकर फिर तो स्‍कूल नहीं बंद होंगे। खासतौर से यह देखते हुए कि कोरोना की तीसरी लहर कभी भी आ सकती है। कुछ राज्‍यों में इसके सबसे पहले आने के आसार हैं। इनमें वैक्‍सीनेशन कम हुआ है।

शीर्ष अदालत ने कहा कि कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण केरल में स्थिति चिंताजनक है। देशभर में कोरोना संक्रमण के कुल मामलों में से करीब 70 फीसदी इसी राज्‍य में हैं। इस उम्र के बच्चों को जोखिम में नहीं डाला जा सकता। सुप्रीम कोर्ट में इसे लेकर एक याचिका दाखिल की गई थी। इसमें परीक्षा आयोजित करने के फैसले का विरोध किया गया है। राज्य सरकार ने 6 सितंबर से ऑफलाइन परीक्षा आयोजित कराने का निर्णय लिया था।

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याचिका में क्‍या दी गई दलील?
याचिका में दलील दी गई कि परीक्षा कराने का फैसला करने में मौजूदा हालात पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया। कोर्ट ने भी इस बात को माना। न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर, न्यायमूर्ति ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति सीटी रविकुमार की पीठ ने कहा, ‘हमें इस संबंध में राज्य के वकील से कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिल सका है। लिहाजा, हम अंतरिम राहत देते हुए अगली सुनवाई तक ऑफलाइन परीक्षा पर रोक लगाते हैं।’

शीर्ष अदालत ने मामले में अगली सुनवाई के लिए 13 सितंबर की तारीख तय की। इससे पहले, केरल हाई कोर्ट ने कहा था कि परीक्षा आयोजित करना सरकार की नीति का विषय है। इसमें हस्तक्षेप सही नहीं है। याचिका में ऑफलाइन परीक्षाएं कराने के फैसले में हस्तक्षेप करने से इनकार करने के हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती दी गई थी। केरल में गुरुवार को कोरोना के 32,097 नए मामले सामने आने आए थे। इसके साथ ही कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 41,22,133 हो गई। वहीं, 188 और मरीजों की मौत के बाद मृतकों की तादाद 21,149 पर पहुंच गई थी।

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क्‍या आगे बंद होंगे स्‍कूल?
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश के बाद अटकलों का बाजार गरम है। इनमें कहा जा रहा है कि क्‍या आगे फिर स्‍कूल बंद होंगे। कोरोना वैक्‍सीनेशन की रफ्तार हाल में बेशक बढ़ी है, लेकिन कुछ राज्‍यों में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों का कम टीकाकरण चिंता बना हुआ है। वहीं, वैक्‍सीनेशन प्रोग्राम में अभी 18 साल से कम उम्र के लोगों को शामिल नहीं किया गया है। कोरोना की तीसरी लहर आई तो इन दोनों कैटेगरी के लिए खतरा रहेगा। अंदेशा है कि जिन राज्‍यों में वैक्‍सीनेशन कम हुआ है और जहां पिछली लहरों के दौरान असर कम रहा है, वहां कोरोना की तीसरी लहर सबसे पहले आएगी। यही देखते हुए आगे स्‍कूल बंद होने के आसार जताए जा रहे हैं।

खतरे की लिस्‍ट में यूपी, बिहार, पंजाब…
उत्‍तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, झारखंड, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्‍यों में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना की वैक्‍सीन कम लगी है। ओआरएफ के कोविड वैक्‍सीन ट्रैकर से इसका पता लगता है। इसके अनुसार, इस उम्र वर्ग में प्रति 1,000 की आबादी पर वैक्‍सीन का कवरेज कुछ राज्‍यों में बहुत कम है। ओआरएफ ने 27 अगस्‍त तक के आंकड़ों का विश्‍लेषण किया है। 60 साल से ज्‍यादा उम्र के लोगों के वैक्‍सीनेशन का नेशनल एवरेज 947.13 है। यानी इस ब्रैकेट में 1000 में करीब 947 लोगों को टीका लगा है। हालांकि, तमिलनाडु, यूपी और पश्चिम बंगाल में यही औसत 523.05 डोज, 651.12 और 853.48 है। इन तीनों राज्‍यों में इस आयु वर्ग में एक करोड़ से ज्‍यादा बुजुर्ग आबादी है।

वैक्‍सीनेशन बढ़ाने पर सरकार का जोर
केंद्र राज्‍यों पर इस कैटेगरी में वैक्‍सीनेशन बढ़ाने के लिए जोर बना रहा है। यही देखते हुए हाल में वैक्‍सीनेशन की रफ्तार भी बढ़ी है। हालांकि, फोकस पहली वैक्‍सीन पर रह जाने से यह साफ नहीं है कि बुजुर्ग आबादी का किस हद तक वैक्‍सीनेशन हुआ है। बुजुर्गों में दूसरी तरह की बीमारियां ज्‍यादा होती है। यही कारण है कि इनका वैक्‍सीनेशन अधिक महत्‍वपूर्ण है। वहीं, किशोरों और बच्‍चों के लिए अब तक कोई वैक्‍सीन उपलब्‍ध नहीं है। वे वैक्‍सीनेशन प्रोग्राम से बाहर हैं। पहले भी कई रिपोर्टों में यह आशंका जाहिर की जा चुकी है कि अगर तीसरी लहर आई तो सबसे ज्‍यादा खतरा बच्‍चों को ही है।

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By admin