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jaat king mahendra pratap singh: पड़पोते का दावा- एक स्टूडेंट की कॉल पर पीएम इंदिरा गांधी के साथ मीटिंग बीच में छोड़ चल दिए थे राजा महेंद्र प्रताप सिंह – jaat king mahendra pratap singh had left the meeting with pm indira gandhi on the call of a student, claims great charan pratap singh


हाइलाइट्स

  • जाट राजा महेंद्र प्रताप सिंह के बारे में उनके पड़पोते ने बड़ी दिलचस्प बातें बताईं
  • चरण प्रताप सिंह ने बताया कि उनके पड़दादा शिक्षा क्षेत्र से कितनी गहराई से जुड़े थे
  • उन्होंने तत्कालीन पीएम इंदिरा गांधी के साथ मीटिंग बीच में छोड़ने की घटना याद की

नई दिल्ली
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलीगढ़ में राजा महेंद्र प्रताप सिंह के नाम पर एक विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया। बनकर तैयार होने पर यूनिवर्सिटी का संचालन उत्तर प्रदेश सरकार के अधीन होगा। राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने ही अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (AMU) के लिए तीन एकड़ जमीन दान में दी थी। उनके पड़पोते ने राजा महेंद्र प्रताप सिंह की शख्सियत का जिक्र करते हुए बड़ी दिलचस्प कहानी बताई।

…जब पीएम के साथ मीटिंग बीच में छोड़ उठ गए थे जाट राजा
अलीगढ़ के जाट राजा महेंद्र प्रताप सिंह के पड़पोते चरत प्रताप सिंह ने एक निजी न्यूज चैनल से बातचीत के दौरान दावा किया कि उनके पड़दादा एक छात्र की समस्या की सूचना मिलने पर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ चल रही मीटिंग से उठ गए। उन्होंने बताया, ‘प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के साथ महत्वपूर्ण मीटिंग कर रहे थे। उनको प्रेम माह विद्यालय से एक स्टूडेंट की कॉल आई। छात्र ने उन्हें प्रिंसिपल के साथ अपनी समस्या बताई। वो मीटिंग छोड़कर अपनी गाड़ी में आ बैठे और कॉलेज चले गए। वहां छात्र से मिले और उसकी समस्या सुलझाई।’

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अंग्रेजों के साथ की थी बगावत

चरण प्रताप ने बताया कि महेंद्र प्रताप सिंह के पड़दादा दयारामजी हाथरस के राजा थे। उन्होंने कहा, ‘मेरे पड़दादा राजा महेंद्र प्रताप सिंह देश के पहले राजा थे जिन्होंने 1918 में अंग्रेजों के खिलाफ बगावत की थी। उससे पहले, उन्होंने 1915 में देश की पहली अंतरिम सरकार बनाई थी।’ हालांकि, चरण प्रताप ने यह क्षोभ भी प्रकट किया कि उनके पड़दादा को देश ने वो सम्मान नहीं दिया जिनके वो हकदार थे। उन्होंने कहा, ‘इतिहास ने उनको वह हक नहीं दिया, जिनके वो हकदार हैं।’

नोबेल पुरस्कार के लिए हुए थे नामित

राजा महेंद्र सिंह के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि उनके पड़दादा ने अफगानिस्तान में ‘प्रेम धर्म’ की स्थापना की। उन्होंने कहा कि राजा महेंद्र प्रताप सिंह ने संसार संघ (World Federation) की स्थापना की थी, जिसके लिए उन्हें 1932 में शांति के नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। उन्होंने कहा, ‘वही संसार संघ बाद में संयुक्त राष्ट्र संघ (UNO) की नींव का पत्थर बना। भारत का पहला पॉलिटेक्निक कॉलेज बनाया।’

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राजा महेंद्र प्रताप सिंह (फाइल फोटो)



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