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corona third wave: In some states, the proportion of vaccination to the elderly population is very low, Experts say that the third wave of corona will be limited to where the vaccination is low or where the effect was less during the previous waves, Low 60+ vaccination tally in some states a worry: यूपी, बिहार, पंजाब… इन राज्‍यों में सबसे पहले आएगी कोरोना की तीसरी लहर, जानिए क्‍यों मंडरा रहा खतरा


नई दिल्‍ली
कोरोना वैक्‍सीनेशन की रफ्तार हाल में बेशक तेजी से बढ़ी है, लेकिन कुछ राज्‍यों में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों का कम टीकाकरण चिंता बन गया है। खासतौर से तब जब कोरोना की तीसरी लहर का खतरा मंडरा रहा है। कोरोना के संक्रमण का सबसे ज्‍यादा खतरा बुजुर्गों को ही है। अंदेशा है कि इन्‍हीं राज्‍यों में कोरोना की तीसरी लहर आने का सबसे ज्‍यादा डर है।

उत्‍तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, झारखंड, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल जैसे राज्‍यों में 60 साल से अधिक उम्र के लोगों को कोरोना की वैक्‍सीन कम लगी है। ओआरएफ के कोविड वैक्‍सीन ट्रैकर से इसका पता लगता है। इसके अनुसार, इस उम्र वर्ग में प्रति 1,000 की आबादी पर वैक्‍सीन का कवरेज कुछ राज्‍यों में बहुत कम है। ओआरएफ ने 27 अगस्‍त तक के आंकड़ों का विश्‍लेषण किया है।

60 साल से ज्‍यादा उम्र के लोगों के वैक्‍सीनेशन का नेशनल एवरेज 947.13 है। यानी इस ब्रैकेट में 1000 में करीब 947 लोगों को टीका लगा है। हालांकि, तमिलनाडु, यूपी और पश्चिम बंगाल में यही औसत 523.05 डोज, 651.12 और 853.48 है। इन तीनों राज्‍यों में इस आयु वर्ग में एक करोड़ से ज्‍यादा बुजुर्ग आबादी है।

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ओआरएफ ट्रैकर के अनुसार, महाराष्‍ट्र में भी 60 साल से ज्‍यादा उम्र के लोगों की संख्‍या 1.45 करोड़ है। लेकिन, राज्‍य में 1000 ऐसे लोगों में से 951.12 को कोरोना की डोज दी जा चुकी है। यह नेशनल एवरेज से थोड़ा बेहतर है।

ओआरएफ में सीनियर फेलो-हेल्‍थ इनीशिएटिव ओम्‍मन सी कुरियन ने कहा, ‘कोरोना की अगली लहर उन्‍हीं राज्‍यों तक सीमित रहने वाली है जहां वैक्‍सीन कम लगी है या फिर जो पिछली लहरों में कोरोना से कम प्रभावित रहे हैं। अगर बुजुर्गों का वैक्‍सीनेशन कम रहा तो पहली और दूसरी लहर की तरह दोबारा बड़ी ट्रैजेडी देखने को मिल सकती है।’

कुरियन बोले कि तमिलनाडु और पंजाब जैसे राज्‍यों में बुजुर्ग आबादी का अनुपात ज्‍यादा है। लेकिन, वैक्‍सीनेशन का कवरेज कम है। इन राज्‍यों को अगली लहर में चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। लिहाजा, इन्‍हें तेजी से बुजुर्ग आबादी का वैक्‍सीनेशन करना होगा।

ओआरएफ के विश्‍लेषण के अनुसार, 27 अगस्‍त तक 60 साल से ज्‍यादा उम्र की 61.6 फीसदी आबादी को वैक्‍सीन की कम से कम एक डोज मिल चुकी है। वहीं, 31.4 फीसदी ऐसे बुजुर्ग हैं जिन्‍हें वैक्‍सीन की दोनों डोज लग चुकी हैं।

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केंद्र राज्‍यों पर इस कैटेगरी में वैक्‍सीनेशन बढ़ाने के लिए जोर बना रहा है। यही देखते हुए हाल में वैक्‍सीनेशन की रफ्तार भी बढ़ी है। हालांकि, फोकस पहली वैक्‍सीन पर रह जाने से यह साफ नहीं है कि बुजुर्ग आबादी का किस हद तक वैक्‍सीनेशन हुआ है।

बुधवार रात 9 बजे तक देशभर में कुल 66.15 करोड़ डोज लोगों को दिए जा चुके हैं। सिक्किम, मिजोरम, लक्षद्वीप, चंडीगढ़ और अंडमान-निकोबार जैसे केंद्र शासित प्रदेशों में 1000 की आबादी पर वैक्‍सीन का कवरेज बुजुर्गों में बेहतर है।

बुजुर्गों में दूसरी तरह की बीमारियां ज्‍यादा होती है। यही कारण है कि इनका वैक्‍सीनेशन अधिक महत्‍वपूर्ण है। वैक्‍सीनेशन न होने पर इनके लिए संक्रमण से मौत का खतरा कहीं ज्‍यादा बढ़ जाता है। वैक्‍सीन संक्रमण की तीव्रता को कम करने और इसके कारण मौत की रोकथाम में मददगार साबित हुई है।

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