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नई दिल्ली
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार के खिलाफ कंटेप्ट अर्जी दाखिल की गई है और कहा गया है कि सुप्रीम कोर्ट ने 30 जून को अपने आदेश में कहा था कि कोविड से होने वाले मौत के मामले में एनडीएमए मुआजवा के लिए गाइडलाइंस तैयार करे। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद अभी तक उस पर केंद्र ने अमल नहीं किया है।

सुप्रीम कोर्ट के वकील ने दायर की याचिका
सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट रीपक कंसल की ओर से अर्जी दाखिल कर कहा गया है कि 30 जून 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने अहम आदेश में कहा था कि कोविड से मरने वालों के परिजनों को मुुआवजा देने के लिए छह हफ्ते के भीतर एनडीएमए (नेशनल डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी) गाइडलाइंस तैयार करे। सुप्रीम कोर्ट ने व्यवस्था दी थी कि एनडीएमए की विधायी ड्यूटी है कि वह गाइडलाइंस बनाए जिसके तहत कोविड से मौत के मामले में न्यूनतम मुआवजा राशि देने की व्यवस्था हो।

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उचित राशि तय करने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि वह केंद्र सरकार को ये निर्देश जारी नहीं कर सकती कि वह अमुक अमाउंट मुआवजे के लिए तय करे लेकिन नैशनल अथॉरिटी कोविड से मरने वालों के परिजनों को मुआवजा देने के लिए न्यूनतम राशि तय कर सकती है। कोर्ट ने कहा था कि जो परिस्थितियां हैं उसके तहत न्यूनतम मुआवजा राशि तय किया जाए और देश के पास जो फंड और स्रोत है उसके मद्देनजर ‌उचित राशि तय किया जाना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने यह भी निर्देश जारी किया था कि कोविड से मौत के मामले में डेथ सर्टिफिकेट जारी करने की प्रक्रिया भी आसान बनाए।

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केंद्र के खिलाफ कंटेप्ट चलना चाहिए- याचिकाकर्ता
याचिकाकर्ता वकील रीपक कंसल ने कहा कि केंद्र सरकार सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए ड्यूटी बाउंड है। याचिकाकर्ता ने कहा कि केंद्र सरकार ने अभी तक आदेश का पालन नहीं किया है लिहाजा मामले में उसके खिलाफ कंटेप्ट चलना चाहिए। इस आदेश के मामले में केंद्र ने अभी तक कुछ नहीं किया है और चुप्पी साध रखी है। केंद्र ने सितंबर 2021 मे ंजो हलफनामा दायर किया है उसके तहत आदेश का पूर्ण पालन नहीं हुआ है। अभी तक मौत के मामले में मुआवजा को लेकर गाइडलाइंस जारी नहीं किया गया है।



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