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icmr study on covaxin: icmr’s recent study says that covaxin is very much effective against delta and delta plus variant of coronavrius,कोवैक्सीन है डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरियंट के खिलाप बेहद कारगर, आईसीएमआर की स्टडी में दावा


हाइलाइट्स

  • कोवैक्सीन को लेकर आईसीएमआर की ताजा स्टडी
  • डेल्टा और डेल्टा प्लस वेरियंट के खिलाफ कारगर पाई गई
  • भारत बायोटेक कर रही है कोवैक्सीन का निर्माण

हैदराबाद
भारत में दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार माना जा रहा कोरोना का डेल्टा वेरियंट अब दुनियाभर में कोहराम मचा रहा है। चीन, ब्रिटेन, इजरायल जैसे देशों में डेल्टा वेरियंट के कारण कोरोना के मामलों में कई गुना तेजी देखी गई है। हालांकि इसी बीच भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने एक राहतभरी खबर दी है। बायोरक्सिव में प्रकाशित आईसीएमआर की स्टडी के अनुसार भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन (बीबीवी152) वायरस के डेल्टा प्लस (एवाई.1) वेरियंट के खिलाफ प्रभावी है।

इस स्टडी में कहा गया है कि आईजीजी एंटीबॉडी का मूल्यांकन किया गया है। इसमें बीबीवी 152 टीके (कोवैक्सीन) की पूर्ण खुराक वाले व्यक्तियों में कोविड-19 की आशंका को खत्म कर दिया है। इसमें डेल्टा, डेल्टा एवाई.1 और बी.1.617.3 के खिलाफ बीबीवी152 टीकों (कोवैक्सीन) का मूल्यांकन किया गया।

कोवैक्सीन डेल्टा वेरियंट के सभी म्यूटेशन के खिलाफ कारगर पाई गई। सार्स-सीओवी-2 स्वरूप बी.1.617.2 (डेल्टा) स्वरूप के हाल में सामने आने के बाद इसके तेजी से फैलने के कारण भारत में दूसरी लहर आई है। कोवैक्सीन की प्रभावशीलता डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत है। इसके बाद, डेल्टा आगे डेल्टा एवाई.1, एवाई.2, और एवाई.3 में बदल गया।

इस अध्ययन को 3 कैटिगरी के लोगों पर किया गया- 1. जिन्होंने वैक्सीन की दोनों डोज ली थी 2. कोरोना से ठीक हो चुके और वैक्सीन की दोनों डोज ले चुके लोग और 3. ब्रेकथ्रू केस यानि ऐसे मामले जिसमें वैक्सीन की दूसरी डोज लगने के 14 दिनों के बाद किसी शख्स को कोरोना संक्रमण हुआ हो।

क्या कोवैक्सीन और कोविशील्ड वैक्सीन की लगेगी मिक्स डोज? CDSCO एक्सपर्ट पैनल ने स्टडी को दी मंजूरीअध्ययन में कहा गया है कि इनमें से एवाई.1 स्वरूप का पहली बार भारत में अप्रैल 2021 में पता चला था और बाद में 20 अन्य देशों में भी इसके मामले सामने आये। भारत बायोटेक ने तीन जुलाई को चरण तीन परीक्षणों से कोवैक्सीन प्रभावकारिता के अंतिम विश्लेषण को पूरा करते हुए कहा था कि कोवैक्सीन की कोविड-19 के खिलाफ प्रभावशीलता 77.8 प्रतिशत और बी.1.617.2 डेल्टा स्वरूप के खिलाफ 65.2 प्रतिशत रही थी।

आईसीएमआर की स्टडी के नतीजे इसलिए उत्साहजनक माने जा रहे हैं क्योंकि भारत के वैक्सीनेशन कार्यक्रम में कोवैक्सीन के एक अहम भूमिका है। आने वाले कुछ हफ्तों में भारत बायोटेक की इस वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाकर प्रति महीने 7-10 करोड़ डोज करने का लक्ष्य है। इन नतीजों से कोवैक्सीन को लेकर लोगों के मन में चल रही आशंकाएं थोड़ी कम होंगी, और इस वैक्सीन को लेकर हिचकिचाहट भी कम होगी.

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सांकेतिक तस्वीर



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By admin